1,857
edits
No edit summary |
No edit summary |
||
| Line 10: | Line 10: | ||
<span id="Thutmose_III"></span> | <span id="Thutmose_III"></span> | ||
=== थुटमोस III === | === थुटमोस III (Thutmose III) === | ||
फैरो थुटमोस III (१५६७ सी.बी) को सबसे महान ईश्वरदूत और पुजारी माना जाता है। ये कला के पारखी एवं संरक्षक थे और मिस्र साम्राज्य के निर्माण का श्रेय भी इनको ही जाता है। इन्होनें मध्य पूर्व के अधिकांश हिस्से को मिस्र साम्राज्य में शामिल कर इसका विस्तार किया था। माउंट कार्मेल के पास के मैदान पर हुए युद्ध में इनकी जीत सबसे निर्णायक जीत थी। यहां ये लगभग ३३० विद्रोही एशियाई राजकुमारों के गठबंधन को हराने के लिए ये अपनी पूरी सेना को मेगिद्दो दर्रे के संकीर्ण मार्ग से लेकर गए थे। यह एक साहसिक कदम था जिसका सभी उच्चाधिकारियों ने विरोध किया था। परन्तु अपनी योजना के प्रति पूर्णतया आश्वस्त थुटमोस सूर्य देवता अमोन-रा के चित्र को लिए आगे बढ़ते रहे, और विजयश्री प्राप्त की। | फैरो थुटमोस III (१५६७ सी.बी) को सबसे महान ईश्वरदूत और पुजारी माना जाता है। ये कला के पारखी एवं संरक्षक थे और मिस्र साम्राज्य के निर्माण का श्रेय भी इनको ही जाता है। इन्होनें मध्य पूर्व के अधिकांश हिस्से को मिस्र साम्राज्य में शामिल कर इसका विस्तार किया था। माउंट कार्मेल के पास के मैदान पर हुए युद्ध में इनकी जीत सबसे निर्णायक जीत थी। यहां ये लगभग ३३० विद्रोही एशियाई राजकुमारों के गठबंधन को हराने के लिए ये अपनी पूरी सेना को मेगिद्दो दर्रे के संकीर्ण मार्ग से लेकर गए थे। यह एक साहसिक कदम था जिसका सभी उच्चाधिकारियों ने विरोध किया था। परन्तु अपनी योजना के प्रति पूर्णतया आश्वस्त थुटमोस सूर्य देवता अमोन-रा के चित्र को लिए आगे बढ़ते रहे, और विजयश्री प्राप्त की। | ||
edits