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<blockquote>आप ईश्वर से प्रार्थना कीजिये कि वे आत्मिक चेतना के तीसरे शत्रु का नाश करें। ऐसे लोग और उनके सभी साथियों को रोकना अत्यंत आवश्यक है। गलत मनुष्य और गलत सोच दोनों ही आत्मिक चेतना के शत्रु हैं। ये वहां पनपते हैं जहां नैतिक मूल्यों की कमी होती है, इंसान निर्बल होता है तथा समाज टूटा हुआ होता है।<ref>{{POWref|40|40|, ५ अक्टूबर १९९७ }}</ref></blockquote> | <blockquote>आप ईश्वर से प्रार्थना कीजिये कि वे आत्मिक चेतना के तीसरे शत्रु का नाश करें। ऐसे लोग और उनके सभी साथियों को रोकना अत्यंत आवश्यक है। गलत मनुष्य और गलत सोच दोनों ही आत्मिक चेतना के शत्रु हैं। ये वहां पनपते हैं जहां नैतिक मूल्यों की कमी होती है, इंसान निर्बल होता है तथा समाज टूटा हुआ होता है।<ref>{{POWref|40|40|, ५ अक्टूबर १९९७ }}</ref></blockquote> | ||
[[रूबी रंग की किरण के बुद्ध]] ने कहा है: | |||
The | (The Buddha of the Ruby Ray has said) | ||
मैं रूबी रंग की किरण के आदेशों के कार्यो में आपके प्रयासों की प्रशंसा करने आया हूँ। मैं आपको यह बताने आया हूँ कि आज पृथ्वी पर आत्मिक चेतना के शत्रु (Antichrists) ईश्वर के दूतों द्वारा पकड़े गए हैं और मैं चाहता हूँ कि आप दुनिया में उस तीसरे आत्मिक चेतना के शत्रु की तलाश में रहें। जब वह आपके सामने आएगा तो आप उसे पहचान लेंगे और प्रिय आप जान जाएँगे कि यह रूबी रंग की किरण से आपके आदेशों के प्रयास से ही हुआ है। इन पथभ्रष्ट लोगों (fallen ones) को सबके सामने प्रत्यक्ष (expose) करने की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है।<ref>रूबी रंग की किरण के बुद्ध, "मैं रूबी रंग की किरण के कार्यो से पृथ्वी को संतृप्त (Saturate) करता हूँ," {{POWref|45|50|, 15 दिसंबर, 2002}}</ref></blockquote> | |||
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