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Lucifer/hi: Difference between revisions

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लूसिफ़र शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है और इसका अर्थ है "प्रकाश-वाहक"। इन्होनें अपने अच्छे कर्मों से [[Special:MyLanguage/archangel|महादेवदूत]] (archangel) का पद हासिल किया परन्तु फिर अत्यधिक घमंड, महत्वाकांक्षा और [[Special:MyLanguage/Sons of God|ईश्वर के पुत्रों]] (Sons of God), [[Special:MyLanguage/Elohim|एलोहीम]] (Elohim) और [[Special:MyLanguage/Shekinah|शकीना]][Shekinah (ईश्वर के रहने का स्थान)] से भी ऊपर होने की इच्छा रखने के कारण पथभ्रष्ट हो स्वयं ईश्वर से ही टक्कर ले बैठे। "भोर के पुत्र हे लूसिफ़र आप स्वर्ग से कैसे गिर गए!"<ref>ईसा १४:12.</ref>
लूसिफ़र शब्द लैटिन (Latin) भाषा से लिया गया है और इसका अर्थ है "प्रकाश-वाहक"। उन्होंने अपने अच्छे कर्मों से [[Special:MyLanguage/archangel|महादेवदूत]] (archangel) का पद प्राप्त किया परन्तु फिर अत्यधिक घमंड, महत्वाकांक्षा और [[Special:MyLanguage/Sons of God|ईश्वर के पुत्रों]] (Sons of God), [[Special:MyLanguage/Elohim|एलोहीम]] (Elohim) और [[Special:MyLanguage/Shekinah|शकीना]] [Shekinah (ईश्वर के प्रकाश)] से भी अधिक  होने की इच्छा रखने के कारण पथभ्रष्ट हो स्वयं ईश्वर का ही प्रतिरोध किया। "भोर के पुत्र हे लूसिफ़र आप स्वर्ग समझ से कैसे दूर चले गए!"<ref>आईज़ेया १४:12.</ref> (How art thou fallen from heaven, O Lucifer, son of the morning!)


ब्रह्मांडीय [[Special:MyLanguage/dweller-on-the-threshold|दहलीज पर रहने वाले दुष्ट]] (dweller-on-the-threshold) का मूलरूप  
ब्रह्मांडीय [[Special:MyLanguage/dweller-on-the-threshold|दहलीज पर रहने वाले दुष्ट]] (dweller-on-the-threshold) का मूलरूप  
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भोर के पुत्र लूसिफ़र, आप स्वर्ग से कैसे गिर गए! आप पथभ्रष्ट कैसे हो गए! आपके पथभ्रष्ट होने के कारण कई देश कमज़ोर हो गए!
भोर के पुत्र लूसिफ़र (Lucifer, son of the morning!), आप स्वर्ग से कैसे गिर गए! आप पथभ्रष्ट कैसे हो गए! आपके पथभ्रष्ट होने के कारण कई देश कमज़ोर हो गए!


क्योंकि आपने अपने मन में कहा था कि मैं स्वर्ग में जाऊँगा, और अपना सिंहासन परमेश्वर के तारागणों से भी अधिक ऊँचे स्थान पर रखूँगा; कि मैं मंडलीय पर्वत पर उत्तर दिशा में बैठूंगा।
क्योंकि आपने अपने मन में कहा था कि मैं स्वर्ग में जाऊँगा, और अपना सिंहासन परमेश्वर के तारागणों से भी अधिक ऊँचे स्थान पर रखूँगा; कि मैं मंडलीय (congregation) पर्वत पर उत्तर दिशा में बैठूंगा।


मैं बादलों से भी ऊपर उठ जाऊंगा; मैं सबसे ऊँचा हो जाऊंगा।
मैं बादलों से भी ऊपर उठ जाऊंगा; मैं सबसे ऊँचा हो जाऊंगा।


इसके बावजूद आप नरक में लाये गए
इसके बावजूद आप नरक में लाये गए


जो भी लोग आपको ध्यान से देखेंगे वे सोचेंगे कि क्या यह वही व्यक्ति है जिस के कारण पृय्वी का प्रत्येक देश कांप गया था
जो भी लोग आपको ध्यान से देखेंगे वे सोचेंगे कि क्या यह वही हैं जिस के कारण पृय्वी का प्रत्येक देश कांप गया था।


वह व्यक्ति जिसने विश्व के आबादी वाले शहरों को एक वीरान जंगल में तब्दील कर दिया था; वह व्यक्ति जो अपने कैदियों के घर तक नहीं खोल पाया?
वह जिसने विश्व के आबादी वाले शहरों को एक वीरान जंगल में बदल दिया था; वह जो अपने कैदियों के घर खोल नहीं सका?
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इसके बाद [[Special:MyLanguage/Sanat Kumara|सनत कुमार]] (Sanat Kumara) उन देवदूतों की बात करते हैं जिन्होंने [[Special:MyLanguage/Great Rebellion|भयानक विद्रोह]] (Great Rebellion) में लूसिफ़र का साथ दिया था:
इसके बाद [[Special:MyLanguage/Sanat Kumara|सनत कुमार]] (Sanat Kumara) उन देवदूतों की बात करते हैं जिन्होंने [[Special:MyLanguage/Great Rebellion|बहुत बड़े विद्रोह]] (Great Rebellion) में लूसिफ़र का साथ दिया था:


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ईश्वर और उनके समुदाय के विरुद्ध उस भयानक विद्रोह में लूसिफ़र ने देवदूतों के अनेक गुटों को भ्रमित कर दिया था। [[Special:MyLanguage/Book of Enoch|बुक ऑफ़ इनोक]] तथा पूर्व और पश्चिंम के कई ग्रंथों में इन सभी भ्रमित देवदूतों के नाम गुप्त रूप से दर्ज़ किया गए हैं।
ईश्वर और उनके समुदाय के विरुद्ध उस बड़े विद्रोह में लूसिफ़र ने देवदूतों के अनेक वर्गों को भ्रमित कर दिया था। [[Special:MyLanguage/Book of Enoch|बुक ऑफ़ इनोक]] (Book of Enoch) तथा पूर्व और पश्चिंम के कई ग्रंथों में इन सभी भ्रमित देवदूतों के नाम गुप्त रूप से दर्ज़ किया गए हैं।


कुछ उल्लेखनीय नाम हैं: [[Special:MyLanguage/Satan|शैतान]], बील्ज़ेबब, [[Special:MyLanguage/Belial|बेलियल]], बाल, आदि। एक अन्य नाम जो इन सभी पथभ्रष्ट लोगों में से सबसे चतुर-चालाक समूह का नेता है वह है सर्प। पवित्र धर्मग्रंथ के शब्दकोष में इसे छोटे अक्षरों में लिखा गया है और यह शब्द व्यक्तिगत (किसी एक व्यक्ति विशेष का) ना होकर प्रतीकात्मक है।
कुछ उल्लेखनीय नाम हैं: [[Special:MyLanguage/Satan|शैतान]] (Satan), बील्ज़ेबब (Beelzebub), [[Special:MyLanguage/Belial|बेलियल]] (Belial), बाल, आदि। एक अन्य नाम जो इन सभी पथभ्रष्ट लोगों में सबसे चतुर-चालाक समूह का नेता है वह है सर्प (Serpent)। पवित्र धर्मग्रंथ के शब्दकोष में इसे छोटे अक्षरों में लिखा गया है और यह शब्द व्यक्तिगत (किसी एक व्यक्ति विशेष का) ना होकर प्रतीकात्मक है।


"विशाल ड्रैगन" शब्द का तात्पर्य लूसिफ़र द्वारा [[Special:MyLanguage/Great White Brotherhood|श्वेत महासंघ]] के खिलाफ तैयार किए गए संपूर्ण पथभ्रष्ट पदानुक्रम के समूह से है। इसके कुछ सदस्य और प्रधान स्त्रियों का उत्पीड़न करने में माहिर हैं, और इन्होनें स्त्री वंश के विरुद्ध युद्ध छेड़ा था।
"विशाल ड्रैगन" शब्द का तात्पर्य लूसिफ़र द्वारा [[Special:MyLanguage/Great White Brotherhood|श्वेत महासंघ]] (Great White Brotherhood) के खिलाफ तैयार किए गए संपूर्ण पथभ्रष्ट पदानुक्रम (false hierarchy) के समूह से है। इसके कुछ सदस्य और प्रधान नेता स्त्रियों का उत्पीड़न करने में विशेषज्ञ हैं, और इन्होनें स्त्री वंश के विरुद्ध युद्ध छेड़ा था।


यद्यपि शैतान, जिसने पृथ्वी पर भगवान की दिव्य योजना को विफल करने के लिए प्रकाशवाहकों की हत्या की, को मूल हत्यारे के रूप में जाना जाता है सर्प, जिसे "दानव और पिशाच" भी कहा जाता है"  धूर्त, धोखेबाज़ और कपट का पिता है। ईश्वर के सच्चे अनुयायियों में भय और संदेह उत्पन्न कर उन्हें धोखा देना इसकी कार्यप्रणाली है।  
यद्यपि शैतान, जिसने पृथ्वी पर भगवान की दिव्य योजना को विफल करने के लिए प्रकाशवाहकों की हत्या की, को मूल हत्यारे के रूप में जाना जाता है सर्प, जिसे "दानव और पिशाच" भी कहा जाता है"  धूर्त, धोखेबाज़ और कपट का पिता है। ईश्वर के सच्चे अनुयायियों में भय और संदेह उत्पन्न कर उन्हें धोखा देना इसकी कार्यप्रणाली है।  


सर्प वह दुष्ट है जिसका बीज शैतान के बीज के साथ अच्छे लोगों में बोया जाता है ठीक उसी प्रकार से जिस प्रकार गेहूं में जंगली बीज उगता है। इसे वाईपर (नाग) की संतान कहा जाता है। वाईपर वह है जिसे उसके गिरोह के पथभ्रष्ट लोगों के साथ स्वर्ग से बाहर निकाल दिया गया था जिसके बाद इन लोगों ने पृथ्वी पर जन्म लिया। उस भयानक विद्रोह के बाद से वाईपर ने पृथ्वी पर पुनर्जन्म लेना जारी रखा है।<ref >{{OSS}}, अध्याय ३३.</ref>
सर्प वह दुष्ट है जिसका बीज शैतान के बीज के साथ अच्छे लोगों में बोया जाता है ठीक उसी प्रकार से जिस प्रकार गेहूं में जंगली बीज उगता है। इसे वाईपर (नाग) की संतान कहा जाता है। वाईपर वह है जिसे उसके गिरोह के पथभ्रष्ट लोगों के साथ स्वर्ग से बाहर निकाल दिया गया था जिसके बाद इन लोगों ने पृथ्वी पर जन्म लिया। उस बड़े विद्रोह के बाद वाईपर ने पृथ्वी पर पुनर्जन्म लेना जारी रखा है।<ref >{{OSS}}, अध्याय ३३.</ref>
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इस कट्टर धोखेबाज का नाम ईसा मसीह ने "असत्य का पिता" और "जन्मजात हत्यारा" <ref>जॉन ८:४४</ref> रखा था, और जिन देवदूतों ने इसका अनुसरण किया वो वे पथभ्रष्ट लोग हैं, जिन्हें लूसिफ़ेरियन, शैतानवादी और बेलियल के पुत्र भी कहा जाता है। इन्होनें ना सिर्फ ईश्वर और उनके पुत्रों की अवज्ञा की वरन वे उन सबकी निंदा भी करते थे और उनसे घृणा भी करते थे।  
इस कट्टर धोखेबाज का नाम ईसा मसीह ने "असत्य का पिता" (the father of lies) और "जन्मजात हत्यारा" (a murderer from the beginning) <ref>जॉन ८:४४</ref> रखा था, और जिन देवदूतों ने इसका अनुसरण किया वो वे पथभ्रष्ट लोग हैं, जिन्हें लूसिफ़ेरियन (Luciferians), शैतानवादी (Satanists) और बेलियल (Belial) के पुत्र भी कहा जाता है। इन्होनें ईश्वर और उनके पुत्रों की अवज्ञा ही नहीं की, वे उन सबकी निंदा और उनसे घृणा भी करते थे।  


<span id="The_final_judgment_of_Lucifer"></span>
<span id="The_final_judgment_of_Lucifer"></span>
== लूसिफ़ेर पर अंतिम निर्णय ==
== लूसिफ़र पर अंतिम निर्णय (The final judgment of Lucifer) ==


[[Special:MyLanguage/Archangel Michael|महादेवदूत माइकल]] ने १६ अप्रैल, १९७५  को लूसिफ़र को "पृथ्वी पर" बांध दिया था। फिर लूसिफ़र को [[Special:MyLanguage/Sirius|सीरियस]] ग्रह पर [[Special:MyLanguage/Court of the Sacred Fire|पवित्र अग्नि के न्यायालय]] में ले जाया गया जहां [[Special:MyLanguage/Four and Twenty Elders|फोर एंड ट्वेंटी एल्डर्स]] के समक्ष उन पर मुकदमा चलाया गया जो दस दिन तक चला। मुकदमें में दिव्यगुरुओं, महादेवदूतों और एलोहीम के साथ-साथ पृथ्वी और अन्य ग्रहों जन्म लेने वाली कई जीवात्माओं ने गवाही दी।
[[Special:MyLanguage/Archangel Michael|महादेवदूत माइकल]] (Archangel Michael) ने १६ अप्रैल, १९७५  को लूसिफ़र को "पृथ्वी पर" बाँधा गया और उनके देवदूतों को "स्वर्ग में" बाँधा गया। फिर लूसिफ़र को [[Special:MyLanguage/Sirius|सीरियस]] (Sirius) ग्रह पर [[Special:MyLanguage/Court of the Sacred Fire|पवित्र अग्नि के न्यायालय]] (Court of the Sacred Fire) में ले जाया गया जहां [[Special:MyLanguage/Four and Twenty Elders|२४ ज्ञानी दिव्य गुरुओं ]] (Four and Twenty Elders) के समक्ष उन पर मुकदमा चलाया गया जो दस दिन तक चला। मुकदमें में दिव्यगुरुओं (ascended masters), महादेवदूतों (archangels) और एलोहीम (elohim) के अतिरिक्त पृथ्वी और अन्य ग्रहों पर जन्म लेने वाली कई जीवात्माओं ने गवाही दी।


इसके बाद २६ अप्रैल १९७५  को सर्वसम्मत वोट के आधार पर लूसिफ़र को सर्वशक्तिमान ईश्वर के खिलाफ पूर्ण विद्रोह का दोषी पाया गया और [[Special:MyLanguage/second death|दूसरी मौत]] की सजा सुनाई गई। जैसे ही वह अदालत के सामने पवित्र अग्नि के मंडल पर खड़े हुए, तीव्र सफेद रोशनी के सर्पिल के रूप में अल्फा और ओमेगा की लौ उठी और लूसिफ़र की चेतना का अंत हो गया - वह चेतना जो आकाशगंगाओं के एक तिहाई देवदूतों तथा पृथ्वी और अन्य स्थानों पर रहने वाली अनगनित जीवन तरंगों  के पतन का कारण थी।  
इसके बाद २६ अप्रैल १९७५  को सर्वसम्मत वोट के आधार पर लूसिफ़र को सर्वशक्तिमान ईश्वर के विरुद्ध पूर्ण विद्रोह का दोषी पाया गया और [[Special:MyLanguage/second death|दूसरी मौत]] (second death) की सजा सुनाई गई। जैसे ही वह अदालत के सामने पवित्र अग्नि के मंडल पर खड़े हुए, तीव्र सफेद रोशनी के सर्पिल के रूप में अल्फा और ओमेगा (Alpha and Omega) की लौ उठी और लूसिफ़र की चेतना का अंत हो गया - वह चेतना जो आकाशगंगाओं (galaxies) के एक तिहाई देवदूतों तथा पृथ्वी और अन्य स्थानों पर रहने वाली अनगनित जीवन तरंगों  के पतन का कारण थी।  


कई अन्य लोग जो लूसिफ़र का साथ देते हुए ईश्वर के विरुद्ध भयानक विद्रोह में शामिल थे उनपर भी मुकदमा चलाया गया था। लूसिफ़र का तो अंत हो गया परन्तु आज भी उनके अंश पृथ्वी पर विद्यमान हैं और स्त्री और उसके [[Special:MyLanguage/Manchild|बालक]] के प्रति क्रोध से भरे हुए ये लोग आज भी सनत कुमार के प्रकाश के उत्तराधिकारियों के खिलाफ युद्ध में लिप्त हैं।<ref>देखिये Rev. १२ </ref>महादेवदूत माईकल प्रतिदिन इन विरोधियों को बाँध कर [[Special:MyLanguage/final judgment|अंतिम निर्णय]] के लिए लेकर जाते हैं जहां पर प्रत्येक व्यक्ति का उसके कर्मों के अनुसार न्याय किया जाता है। इस प्रक्रिया को ईसा मसीह के एक देवदूत ने मीन युग के अंतिम दिनों में [[Special:MyLanguage/John the Revelator|जॉन द रेवेलेटर]] को दिव्य दर्शन द्वारा दिखाया था।  
कई अन्य लोग जो लूसिफ़र का साथ देते हुए ईश्वर के विरुद्ध बड़े विद्रोह में शामिल थे उन पर भी मुकदमा चलाया गया था। लूसिफ़र का तो अंत हो गया परन्तु आज भी उनके अंश पृथ्वी पर विद्यमान हैं और स्त्री (Woman) और उसके [[Special:MyLanguage/Manchild|बालक]] ( her Manchild) के प्रति क्रोध से भरे हुए ये लोग आज भी सनत कुमार के प्रकाश के उत्तराधिकारियों के विरुद्ध युद्ध में लिप्त हैं।<ref>देखिये Rev. १२ </ref>महादेवदूत माईकल प्रतिदिन इन विरोधियों को बाँध कर [[Special:MyLanguage/final judgment|अंतिम निर्णय]] (final judgment) लेकर जाते हैं जहां पर प्रत्येक व्यक्ति का उसके कर्मों के अनुसार न्याय किया जाता है। इस प्रक्रिया को ईसा मसीह के एक देवदूत ने मीन युग के अंतिम दिनों में [[Special:MyLanguage/John the Revelator|जॉन द रेवेलेटर]] (John the Revelator) को दिव्य दर्शन द्वारा दिखाया था।  


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