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[[ग्रेट सेंट्रल सन]] में स्थित '''अल्फा''' ईश्वर का सबसे महानतम रूप है। '''ओमेगा''', जो माँ का ईश्वरीय स्वरुप है, अल्फा की पूरक हैं। [[धर्मदूत जॉन]] (John the Beloved) ने इनके बारे में [[Book of Revelation|रहस्योद्घाटन]] किताब (Book of Revelation) में लिखा है। उन्होंने कहा है कि अल्फा और ओमेगा प्रारम्भ और अंत दोनों में निहित हैं। ये दोनों मिलकर सभी जीवन चक्रों की शुरुआत तथा उनके अंत पर ध्यान केंद्रित करते हैं। ये [[चौकोर नगर]] (City Foursquare) के [[केंद्र]] (the Hub) के मध्य भाग में शासन करते हैं और [[सूरज के बारह सोपानों]] (twelve hierarchies of the Sun) की अध्यक्षता भी करते हैं। | [[Special:MyLanguage/Great Central Sun|ग्रेट सेंट्रल सन]] में स्थित '''अल्फा''' ईश्वर का सबसे महानतम रूप है। '''ओमेगा''', जो माँ का ईश्वरीय स्वरुप है, अल्फा की पूरक हैं। [[Special:MyLanguage/John the Beloved|धर्मदूत जॉन]] (John the Beloved) ने इनके बारे में [[Special:MyLanguage/Book of Revelation|रहस्योद्घाटन]] किताब (Book of Revelation) में लिखा है। उन्होंने कहा है कि अल्फा और ओमेगा प्रारम्भ और अंत दोनों में निहित हैं। ये दोनों मिलकर सभी जीवन चक्रों की शुरुआत तथा उनके अंत पर ध्यान केंद्रित करते हैं। ये [[Special:MyLanguage/City Foursquare|चौकोर नगर]] (City Foursquare) के [[Special:MyLanguage/The Hub|केंद्र]] (the Hub) के मध्य भाग में शासन करते हैं और [[Special:MyLanguage/Twelve hierarchies of the Sun|सूरज के बारह सोपानों]] (twelve hierarchies of the Sun) की अध्यक्षता भी करते हैं। | ||
पृथ्वी पर क्रमिक विकास की पद्धति में, अल्फा और ओमेगा ग्रेट सेंट्रल सन में स्थित हैं तथा ये '''पिता और माता का ईश्वरीय रूप''' कहलाते हैं। अल्फा प्रथम किरण तथा ओमेगा सातवीं किरण पर विराजमान हैं। यह समरूप जोड़ी देवता की पुरुषोचित एव स्त्रियोचित ध्रुवी का महानतम रूप है। | पृथ्वी पर क्रमिक विकास की पद्धति में, अल्फा और ओमेगा ग्रेट सेंट्रल सन में स्थित हैं तथा ये '''पिता और माता का ईश्वरीय रूप''' कहलाते हैं। अल्फा प्रथम किरण तथा ओमेगा सातवीं किरण पर विराजमान हैं। यह समरूप जोड़ी देवता की पुरुषोचित एव स्त्रियोचित ध्रुवी का महानतम रूप है। | ||