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Decree/hi: Difference between revisions

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जोब की किताब (Book of Job) में लिखा है, "जब तुम किसी विषय या वस्तु के लिए दिव्य आदेश (decree) करोगे तो वह तुम्हारे जीवन में स्थित कर दी जायेगी; और तुम्हारा मार्ग ईश्वर के प्रकाश से भरपूर रहेगा।" <ref>Job 22:28.</ref> ईश्वरत्व की सभी प्रार्थनाओं में दिव्य आदेश (decree) सबसे शक्तिशाली है। इसके बारे में आईज़ेयाह (Isaiah) ने "कमांड ये मी (Command ye me)" (४५:११)  में लिखा है, यही प्रकाश का वास्तविक आदेश है जो, "लक्स फिएट" (Lux fiat) (प्रकाश की तीव्रता को मापने की इकाई) के रूप में, [[Special:MyLanguage/sons and daughters of God|भगवान के बेटों और बेटियों]] का जन्मसिद्ध अधिकार है। यह परमेश्वर का आधिकारिक [[Special:MyLanguage/Word|शब्द]] है जो मनुष्य के [[Special:MyLanguage/I AM Presence|ईश्वरीय स्वरुप]] और [[Special:MyLanguage/Christ|आत्मा]] के नाम से उच्चारा गया है ताकि परमेश्वर की इच्छा और चेतना के माध्यम से पृथ्वी पर रचनात्मक परिवर्तन लाया जा सके और पृथ्वी पर सब कुछ वैसा हो जाए जैसा कि स्वर्ग में है।  
जोब की किताब (Book of Job) में लिखा है, "जब तुम किसी विषय या वस्तु के लिए दिव्य आदेश (decree) करोगे तो वह तुम्हारे जीवन में स्थित कर दी जायेगी; और तुम्हारा मार्ग ईश्वर के प्रकाश से भरपूर रहेगा।" <ref>Job 22:28.</ref> ईश्वरत्व की सभी प्रार्थनाओं में दिव्य आदेश (decree) सबसे शक्तिशाली है। इसके बारे में आईज़ेयाह (Isaiah) ने "कमांड ये मी (Command ye me)" (४५:११)  में लिखा है, यही प्रकाश का वास्तविक आदेश है जो, "लक्स फिएट" (Lux fiat) (प्रकाश की तीव्रता को मापने की इकाई) के रूप में, [[Special:MyLanguage/sons and daughters of God|भगवान के बेटों और बेटियों]] का जन्मसिद्ध अधिकार है। यह परमेश्वर का आधिकारिक [[Special:MyLanguage/Word|शब्द]] है जो मनुष्य के [[Special:MyLanguage/I AM Presence|ईश्वरीय स्वरुप]] और [[Special:MyLanguage/Christ|आत्मा]] के नाम से उच्चारा गया है ताकि परमेश्वर की इच्छा और चेतना के माध्यम से पृथ्वी पर रचनात्मक परिवर्तन लाया जा सके और पृथ्वी पर सब कुछ वैसा हो जाए जैसा कि स्वर्ग में है।  


'''गतिशील दिव्य आदेश''' (dynamic decree)ईश्वर के समक्ष उसकी स्तुति और याचिका के रूप में अर्पण करते हैं। इसके शब्द [[Special:MyLanguage/spoken Word|उच्चारित शब्दों]] के विज्ञान पर आधारित हैं जो हमें बहुत कुछ उपलब्ध करा सकते हैं।<ref>James ५:१६.</ref> गतिशील दिव्य आदेश वह साधन है जिसके द्वारा प्रार्थनाकर्ता ईश्वर के वचन को समझता है - तब वह सृष्टिकर्ता की मूल आज्ञा "अब यहाँ प्रकाश हो: और वह जगह प्रकाशित हो गई” (Let there be light: and there was light) को समझता है।<ref>Gen. १:३.</ref>  
'''गतिशील दिव्य आदेश''' (dynamic decree)ईश्वर के समक्ष उसकी स्तुति और याचिका के रूप में अर्पण करते हैं। इसके शब्द [[Special:MyLanguage/spoken Word|उच्चारित शब्दों]] के विज्ञान पर आधारित हैं जो हमें बहुत कुछ उपलब्ध करा सकते हैं।<ref>James ५:१६.</ref> गतिशील दिव्य आदेश वह साधन है जिसके द्वारा प्रार्थनाकर्ता ईश्वर के वचन को समझता है - तब वह सृष्टिकर्ता की मूल आज्ञा "अब यहाँ प्रकाश हो: और वह जगह प्रकाशित हो गई” (Let there be light: and there was light). <ref>Gen. १:३.</ref>  


मन में विश्वास और आशा रखकर, प्रेम और आनंद के साथ बोली गई ऊर्जस्वी डिक्री से प्रार्थनाकर्ता ईश्वर के वचनो को रोपित करता है और साथ ही [[Special:MyLanguage/Holy Spirit|पवित्र आत्मा]] की पवित्र अग्नि के द्वारा कर्मो के [[Special:MyLanguage/transmutation|रूपांतरण]] का अनुभव करता है।<ref>I Cor. 3:13–15; I Pet. 1:7.</ref> इससे उसके सारे दुष्कर्म, रोग और मृत्यु पवित्र अग्नि में भस्म हो जाते हैं और न्याय परायण जीवात्मा संरक्षित रहती है।  
मन में विश्वास और आशा रखकर, प्रेम और आनंद के साथ बोली गई ऊर्जस्वी डिक्री से प्रार्थनाकर्ता ईश्वर के वचनो को रोपित करता है और साथ ही [[Special:MyLanguage/Holy Spirit|पवित्र आत्मा]] की पवित्र अग्नि के द्वारा कर्मो के [[Special:MyLanguage/transmutation|रूपांतरण]] का अनुभव करता है।<ref>I Cor. 3:13–15; I Pet. 1:7.</ref> इससे उसके सारे दुष्कर्म, रोग और मृत्यु पवित्र अग्नि में भस्म हो जाते हैं और न्याय परायण जीवात्मा संरक्षित रहती है।  
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