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Saint Germain/hi: Difference between revisions

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लोगों को मुक्ति दिलाने की सर्वोपरि इच्छा रखते हुए संत जर्मेन ने [[Special:MyLanguage/Lords of Karma|कर्म के स्वामी]] से भौतिक शरीर में पृथ्वी पर लौटने की अनुमति मांगी और उन्हें यह अनुमति मिल भी गई। वे "ले कॉम्टे डे सेंट जर्मेन" के रूप में प्रकट हुए - एक "चमत्कारी" सज्जन जिन्होंने अठारहवीं और उन्नीसवीं सदी के दौरान यूरोप के दरबारों को चकित कर दिया था। यहीं से उन्हें "द वंडरमैन (एक अजूबा आदमी)" का खिताब मिला।
लोगों को मुक्ति दिलाने की सर्वोपरि इच्छा रखते हुए संत जर्मेन ने [[Special:MyLanguage/Lords of Karma|कर्म के स्वामी]] से भौतिक शरीर में पृथ्वी पर लौटने की अनुमति मांगी और उन्हें यह अनुमति मिल भी गई। वे "ले कॉम्टे डे सेंट जर्मेन" के रूप में प्रकट हुए - एक "चमत्कारी" सज्जन जिन्होंने अठारहवीं और उन्नीसवीं सदी के दौरान यूरोप के दरबारों को चकित कर दिया था। यहीं से उन्हें "द वंडरमैन (एक अजूबा आदमी)" का खिताब मिला।


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वे एक आद्यवैज्ञानिक, विद्वान, भाषाविद्, कवि, संगीतकार, कलाकार, कथाकार और राजनयिक थे। यूरोप के दरबारों में उनकी काफी प्रशंसा की जाती थी। उन्हें मणियों की पहचान थी, उन्हें हीरे और अन्य रत्नों में दोष निकालने के लिए जाना जाता था। साथ ही उन्हें एक हाथ से पत्र और दूसरे हाथ से कविता लिखने जैसे कार्य के लिए भी जाना जाता था। वोल्टेयर के शब्दों में "वे एक ऐसे व्यक्ति थे जो कभी नहीं मर सकता, और जो सब कुछ जानता है।"<ref>वोल्टेयर, ''ओयूव्रेस'', लेट्रे cxviii, सं. बेउचोट, lviii, पृष्ठ ३६०, इसाबेल कूपर-ओकले, ''द काउंट ऑफ़ सेंट जर्मेन'' (ब्लौवेल्ट, एन.वाई.: रुडोल्फ स्टीनर पब्लिकेशंस, १९७०), पृष्ठ ९६ में उद्धृत।</ref> उनका उल्लेख फ्रेडरिक द ग्रेट, वोल्टेयर, होरेस वालपोल और कैसानोवा के पत्रों और उस समय के समाचार पत्रों में मिलता है।
He was an alchemist, scholar, linguist, poet, musician, artist, raconteur and diplomat admired throughout the courts of Europe for his adeptship. He was known for such feats as removing the flaws in diamonds and other precious stones and composing simultaneously a letter with one hand and poetry with the other. Voltaire described him as the “man who never dies and who knows everything.”<ref>Voltaire, ''Œuvres'', Lettre cxviii, ed. Beuchot, lviii, p. 360, quoted in Isabel Cooper-Oakley, ''The Count of Saint Germain'' (Blauvelt, N.Y.: Rudolf Steiner Publications, 1970), p. 96.</ref> The count is mentioned in the letters of Frederick the Great, Voltaire, Horace Walpole and Casanova, and in newspapers of the day.
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