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और इसलिए हम एक ऐसे युग में आते हैं जो उस युग से भिन्न नहीं है जिसमें मैंने अपने ईश्वर के मंदिर में उसके नियमों के अनुसार सेवा द्वारा और लोगों के बाहरी मंदिर में उन नियमों के अभ्यासकर्ता के रूप में, न्याय, सत्य की रक्षा की। आज हम सभ्यता का एक नया रूप देखते हैं जिसमें जंगली पौधे (tares) गेहूँ की फसल से भरे खेत में पूरी तरह से विकसित हैं। आप किसी भी वस्तु की कल्पना करते हैं, वह आपको इस सभ्यता में मिल जायेगी - चाहे वह ईश्वर से सम्बंधित हो या दानव से। | और इसलिए हम एक ऐसे युग में आते हैं जो उस युग से भिन्न नहीं है जिसमें मैंने अपने ईश्वर के मंदिर में उसके नियमों के अनुसार सेवा द्वारा और लोगों के बाहरी मंदिर में उन नियमों के अभ्यासकर्ता के रूप में, न्याय, सत्य की रक्षा की। आज हम सभ्यता का एक नया रूप देखते हैं जिसमें जंगली पौधे (tares) गेहूँ की फसल से भरे खेत में पूरी तरह से विकसित हैं। आप किसी भी वस्तु की कल्पना करते हैं, वह आपको इस सभ्यता में मिल जायेगी - चाहे वह ईश्वर से सम्बंधित हो या दानव से। | ||
हम देख रहे हैं कि पथभ्रष्ट | हम देख रहे हैं कि पथभ्रष्ट धर्म के रक्षकों ने ईश्वर के बच्चों से उनके सच्चे प्रकाश का अंश लेने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया है। इन लोगों ने ईश्वर के नियमों को स्वयं बनाये हुए नियमों से बदल दिया है - ये मानव-निर्मित नियम ब्रह्मांडीय न्याय के आड़े आते हैं। हम देखते हैं कि ये नियम और अदालतों इनका स्पष्टीकरणअक्सर शारीरिक रक्षा के लिए होते हैं, जीवात्मा की रक्षा से इनका को सम्बन्ध नहीं। | ||
मैं आज एक मां के रूप में आपके सामने इसलिए आई हूं ताकि आपको भी मां बनने के लिए प्रेरित कर पाऊं और आपको उन चीजों के बारे आगाह कर सकूं जो हर युग के अंत में घटित होती हैं। ये जानकारी हमें भगवान के पुत्र देते हैं, और हर ग्रह पर ऐसा होता है। हर युग के अंत में पथभ्रष्ट लोग कानून अपने हाथ में ले लेते हैं और ऐसे नए कानून बनाते हैं जो न सिर्फ जीवात्मा के लिए विनाशकारी होते हैं परन्तु सौर विकास के पथ पर उसके उत्थान में भी बाधक होते हैं। | मैं आज एक मां के रूप में आपके सामने इसलिए आई हूं ताकि आपको भी मां बनने के लिए प्रेरित कर पाऊं और आपको उन चीजों के बारे आगाह कर सकूं जो हर युग के अंत में घटित होती हैं। ये जानकारी हमें भगवान के पुत्र देते हैं, और हर ग्रह पर ऐसा होता है। हर युग के अंत में पथभ्रष्ट लोग कानून अपने हाथ में ले लेते हैं और ऐसे नए कानून बनाते हैं जो न सिर्फ जीवात्मा के लिए विनाशकारी होते हैं परन्तु सौर विकास के पथ पर उसके उत्थान में भी बाधक होते हैं। | ||
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