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मैडम डी'अधेमर ने संत जरमेन को आखिरी बार १६ अक्टूबर, १७९३ को मैरी एंटोनेट (Marie Antoinette) के मृत्युदंड के समय ला प्लेस डे ला रेवोल्यूशन (la Place de la Révolution) में  देखा था। वे पोरशिया के साथ लिबर्टी की देवी (Goddess of Liberty) की मूर्ति के नीचे खड़े थे। फांसी के तुरंत बाद, वे मैरी एंटोनेट (Marie Antoinette) की जीवात्मा को भारत में स्थित [[Special:MyLanguage/Cave of Light|केव ऑफ़ लाइट]] (Cave of Light) - जो कि [[Special:MyLanguage/Great Divine Director|महान दिव्य निर्देशक]] (Great Divine Director) का आश्रय स्थल है - में ले गए। इस घटना के तीन महीने बाद  पोरशिया प्रकाश के सप्तक में वापस चली गईं, जहां वह १९३९ तक निर्वाण (nirvana) में रहीं।  १९३९ में अमेरिका में संत जरमेन को उनके कार्यों में सहायता करने के लिए पोरशिया वापिस आयीं।
मैडम डी'अधेमर ने संत जरमेन को आखिरी बार १६ अक्टूबर, १७९३ को मैरी एंटोनेट (Marie Antoinette) के मृत्युदंड के समय ला प्लेस डे ला रेवोल्यूशन (la Place de la Révolution) में  देखा था। वे पोरशिया के साथ लिबर्टी की देवी (Goddess of Liberty) की मूर्ति के नीचे खड़े थे। फांसी के तुरंत बाद, वे मैरी एंटोनेट (Marie Antoinette) की जीवात्मा को भारत में स्थित [[Special:MyLanguage/Cave of Light|केव ऑफ़ लाइट]] (Cave of Light) - जो कि [[Special:MyLanguage/Great Divine Director|महान दिव्य निर्देशक]] (Great Divine Director) का आश्रय स्थल है - में ले गए। इस घटना के तीन महीने बाद  पोरशिया प्रकाश के सप्तक में वापस चली गईं, जहां वह १९३९ तक निर्वाण (nirvana) में रहीं।  १९३९ में अमेरिका में संत जरमेन को उनके कार्यों में सहायता करने के लिए पोरशिया वापिस आयीं।


अपने निर्वाण के दौरान पोरशिया ने संत जरमेन का बाहरी दुनिया की गतिविधियों को करने लिए संतुलन बनाए रखा और उनके यूरोपीय अनुभव के अभिलेखों और उनके कष्टों से होने वाले दर्दों को दूर किया। पोरशिया के निर्वाण में प्रवेश करने के कुछ समय बाद संत जरमेन संयुक्त राज्य यूरोप की स्थापना करने के लिए और नेपोलियन को प्रायोजित करने के लिए यूरोप लौट आए। परन्तु कुछ समय बाद जब उन्हें यह स्पष्ट हो गया कि नेपोलियन ईश्वरीय शक्ति का उपयोग स्वयं की सत्ता को बढ़ाने के लिए करेगा तो उन्होंने अपने प्रायोजन (sponsorship) को वापिस ले लिया  - ऐसा १८१० में हुआ। तभी से संत जरमेन प्रकाश की गुफा (Cave of Light) के विश्राम स्थल में हैं और वहीँ से अपने सेवकों को पुनः संगठित कर रहें हैं। समय-समय पर उन्होंने अमेरिका में कुछ गतिविधियों को भी प्रायोजित किया और अपना कुछ समय निर्वाण में भी बिताया है।
अपने निर्वाण के दौरान पोरशिया ने संत जरमेन का बाहरी दुनिया की गतिविधियों को करने लिए संतुलन बनाए रखा और उनके यूरोपीय अनुभव के अभिलेखों और उनके कष्टों से होने वाले दर्दों को दूर किया। पोरशिया के निर्वाण में प्रवेश करने के कुछ समय बाद संत जरमेन संयुक्त राज्य यूरोप की स्थापना करने के लिए और नेपोलियन को प्रायोजित करने के लिए यूरोप लौट आए। परन्तु कुछ समय बाद जब उन्हें यह स्पष्ट हो गया कि नेपोलियन ईश्वरीय शक्ति का उपयोग स्वयं की सत्ता को बढ़ाने के लिए करेगा तो उन्होंने अपने प्रायोजन (sponsorship) को वापिस ले लिया  - ऐसा १८१० में हुआ। उस समय से संत जरमेन, बेहतर शब्द के अभाव में, वह प्रकाश की गुफा (Cave of Light) के विश्राम स्थल में हैं और वहीँ से अपने सेवकों को पुनः संगठित कर रहें हैं। समय-समय पर उन्होंने अमेरिका में कुछ गतिविधियों को भी प्रायोजित किया और अपना कुछ समय निर्वाण में भी बिताया है।


[[File:100580M-medres.jpg|thumb|upright|न्याय की देवी]]
[[File:100580M-medres.jpg|thumb|upright|न्याय की देवी]]
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