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कुछ समय के लिए तो ऐसा लगा मानो अन्धकार ने प्रकाश को पूरी तरह से घेर लिया हो। मानवजाति के उल्लंघन को देख ब्रह्मांडीय परिषदों (cosmic councils) ने पृथ्वी ग्रह को भंग करने का निर्णय लिया - इस ग्रह पर लोगों ने भगवान का पूरी तरह से त्याग कर दिया था। अगर [[Special:MyLanguage/Sanat Kumara|सनत कुमार]] ने उस समय हस्तक्षेप नहीं किया होता तो यह ग्रह नष्ट ही हो जाता। पृथ्वी पर प्रकाश का संतुलन तथा मनुष्यों की ओर से मातृ लौ बनाये रखने के लिए सनत कुमार ने अपने ग्रह हेस्पेरस (Hesperus ) ([[Special:MyLanguage/Venus|शुक्र]]) को त्याग पृथ्वी पर आने का निश्चय किया। उन्होंने तब तक पृथ्वी पर रहने का प्राण लिया जब तक कि मानव जाति अपने पूर्वजों के शुद्ध और निष्कलंक (pure and undefiled) धर्म <ref>जेम्स १:२७.</ref> का अनुसरण करना पुनः शुरू नहीं करती। | कुछ समय के लिए तो ऐसा लगा मानो अन्धकार ने प्रकाश को पूरी तरह से घेर लिया हो। मानवजाति के उल्लंघन को देख ब्रह्मांडीय परिषदों (cosmic councils) ने पृथ्वी ग्रह को भंग करने का निर्णय लिया - इस ग्रह पर लोगों ने भगवान का पूरी तरह से त्याग कर दिया था। अगर [[Special:MyLanguage/Sanat Kumara|सनत कुमार]] ने उस समय हस्तक्षेप नहीं किया होता तो यह ग्रह नष्ट ही हो जाता। पृथ्वी पर प्रकाश का संतुलन तथा मनुष्यों की ओर से मातृ लौ बनाये रखने के लिए सनत कुमार ने अपने ग्रह हेस्पेरस (Hesperus ) ([[Special:MyLanguage/Venus|शुक्र]]) को त्याग पृथ्वी पर आने का निश्चय किया। उन्होंने तब तक पृथ्वी पर रहने का प्राण लिया जब तक कि मानव जाति अपने पूर्वजों के शुद्ध और निष्कलंक (pure and undefiled) धर्म <ref>जेम्स १:२७.</ref> का अनुसरण करना पुनः शुरू नहीं करती। | ||
हालाँकि मू | हालाँकि मू की मातृ लौ का भौतिक स्वरुप खो जाने पर, [[Special:MyLanguage/God and Goddess Meru|देव और देवी मेरु]] (God and Goddess Meru) ने आकाशीय स्तर पर स्त्री किरण को अपने मंदिर में बनाये रखा - आकाशीय स्तर पर उनका मंदिर [[Special:MyLanguage/Temple of Illumination|टेम्पल ऑफ़ इल्लुमिनेशन]] (Temple of Illumination) टिटिकाका झील में है। | ||
<span id="Paradise_lost"></span> | <span id="Paradise_lost"></span> | ||
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