आध्यात्मिक उत्थान के बाद यीशु छठी किरण के चौहान (chohan) बन गए। १ जनवरी १९५६ को जब सनत कुमार शुक्र ग्रह पर लौटे तो यीशु ने मैत्रेय की जगह विश्व शिक्षक का पद ग्रहण किया, और मैत्रेय पूरे पृथ्वी ग्रह के बुद्ध बन गए।