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God flame/hi: Difference between revisions

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(Created page with "[[Special:MyLanguage/[Zarathustra| जरथुस्त्र]] द्वारा प्रगट की गई अहुरा मज़्दा की पवित्र अग्नि से लेकर, पवित्र आत्मा के द्वारा ईसा मसीह के अग्नि से दीक्षा-स्नान (ईसा...")
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[[Special:MyLanguage/Moses|मूसा]] ने घोषणा की थी, “भगवान एक पूर्ण भस्म करने वाली अग्नि है।”<ref>Deut। ४:२४।</ref> जहां कहीं भी ईश्वर की लौ है या ईश्वर की संतानों द्वारा इस लौ का आह्वान किया जाता है, पवित्र अग्नि, अपनी सातवीं किरण [[Special:MyLanguage/violet flame|बैंगनी लौ]] द्वारा सभी निचले स्पंदन वाली वस्तुओं का रूपांतरण करने के लिए वहां आती है।  
[[Special:MyLanguage/Moses|मूसा]] ने घोषणा की थी, “भगवान एक पूर्ण भस्म करने वाली अग्नि है।”<ref>Deut। ४:२४।</ref> जहां कहीं भी ईश्वर की लौ है या ईश्वर की संतानों द्वारा इस लौ का आह्वान किया जाता है, पवित्र अग्नि, अपनी सातवीं किरण [[Special:MyLanguage/violet flame|बैंगनी लौ]] द्वारा सभी निचले स्पंदन वाली वस्तुओं का रूपांतरण करने के लिए वहां आती है।  


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[[Special:MyLanguage/Zarathustra|
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जरथुस्त्र]] द्वारा प्रगट की गई [[Special:MyLanguage/Ahura Mazda|
जरथुस्त्र]] द्वारा प्रगट की गई [[
Special:MyLanguage/Ahura Mazda|
अहुरा मज़्दा]] की पवित्र अग्नि से लेकर, [[
अहुरा मज़्दा]] की पवित्र अग्नि से लेकर, [[
Special:MyLanguage/Holy Ghost|
Special:MyLanguage/Holy Ghost|
पवित्र आत्मा]] के द्वारा [[
पवित्र आत्मा]] के द्वारा [[Special:MyLanguage/Human|
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ईसा मसीह]] के अग्नि से दीक्षा-स्नान (ईसाई होने के समय प्रथम जल-संस्कार) तक "<ref>मैट ३:११, १२.</ref> धर्मदूत के [[Special:MyLanguage/trial by fire|
ईसा मसीह]] के अग्नि से दीक्षा-स्नान (ईसाई होने के समय प्रथम जल-संस्कार) तक "<ref>मैट ३:११, 12 .</ref> धर्मदूत के [[
अग्नि-परीक्षण]] की अनुभूति से <ref>आई कोर ३:१३-१५; आई पेट. १:७.</ref> सात गुना रोशनी की अनन्त लौ तक,<ref>एक्सोड २५:३१-४०; ३७:१७-२४.</ref> ईश्वर की जो भी संतानें लौ में प्रवेश करती हैं वे ईश्वर की ज्वलंत उपस्थिति का सम्मान करती हैं और उन्हें [[
Special:MyLanguage/trial by fire|
अग्नि-परीक्षण]] की अनुभूति से <ref>I कोर ३:१३-१५; 1पेट . १:७.</ref> सात गुना रोशनी की अनन्त लौ तक,<ref>एक्सोड २५ :३१-४०; ३७:१७-२४.</ref> ईश्वर की जो भी संतानें लौ में प्रवेश करती हैं वे ईश्वर की ज्वलंत उपस्थिति का सम्मान करती हैं और उन्हें [[
Special:MyLanguage/Shekinah|
Special:MyLanguage/Shekinah|
शेकिनाह]] की महिमा के मध्य देखती हैं। और अपने दिल में वो सभी जीवात्माएं आत्मा से मिलान का इंतज़ार करती हैं मानों कोई दुल्हन अपने दूल्हे की प्रतीक्षा कर रही हो। “प्रभु कहते हैं, मैं उन जीवात्माओं की रक्षा के लिए उनके चारों तरफ आग की दीवार बनूंगा”<ref>ज़ेच। २:५.</ref>
शेकिनाह]] की महिमा के मध्य देखती हैं। और अपने दिल में वो सभी जीवात्माएं आत्मा से मिलन का इंतज़ार ऐसे करती हैं मानों कोई दुल्हन अपने दूल्हे की प्रतीक्षा कर रही हो। “प्रभु कहते हैं, मैं उन जीवात्माओं की रक्षा के लिए उनके चारों तरफ आग की दीवार बनूंगा”<ref>ज़ेच. २:५.</ref>
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== Sources ==
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