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Mary, the mother of Jesus/hi: Difference between revisions

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मेरी ने १५ अगस्त को होना शरीर छोड़ा था। इसके बाद से वे कई बार दुनिया भर में प्रकट हुई हैं, और कई बार उन्होंने लोगों को चमत्कारिक रूप से स्वस्थ किया है। पृथ्वी पर अपने अंतिम जन्म के बाद के कुछ वर्षों में उन्होंने भविष्य के अपने प्रकटनों के लिए मंच तैयार किया था -  उस दौरान उन्होंने [[Special:MyLanguage/John the Beloved|जॉन द बिलवेड]] और पाँच अन्य लोगों के साथ दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया था।वे सबसे पहले मिस्र के लक्सर में स्थित [[Special:MyLanguage/Ascension Temple|एसेंशन टेम्पल]] गए। इसके बाद वे जल मार्ग द्वारा भूमध्य सागर के पार क्रेते द्वीप पर गए -  रास्ते में वे जिब्राल्टर जलडमरूमध्य से होते हुए पुर्तगाल में [[Special:MyLanguage/Fatima|फ़ातिमा]], दक्षिणी फ्रांस में [[Special:MyLanguage/Lourdes|लूर्डेस]], ब्रिटिश द्वीप में [[Special:MyLanguage/Glastonbury|ग्लैस्टनबरी]] और आयरलैंड में रुके। इन सभी स्थानों पर मेरी और उनके साथियों ने लोगों का ध्यान पाँचवीं किरण की ओर केंद्रित किया और भविष्य में आत्मिक चेतना के विस्तारण का काम करने वालों के लिए नींव तैयार करी।
मेरी ने १५ अगस्त को होना शरीर छोड़ा था। इसके बाद से वे कई बार दुनिया भर में प्रकट हुई हैं, और कई बार उन्होंने लोगों को चमत्कारिक रूप से स्वस्थ किया है। पृथ्वी पर अपने अंतिम जन्म के बाद के कुछ वर्षों में उन्होंने भविष्य के अपने प्रकटनों के लिए मंच तैयार किया था -  उस दौरान उन्होंने [[Special:MyLanguage/John the Beloved|जॉन द बिलवेड]] और पाँच अन्य लोगों के साथ दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया था।वे सबसे पहले मिस्र के लक्सर में स्थित [[Special:MyLanguage/Ascension Temple|एसेंशन टेम्पल]] गए। इसके बाद वे जल मार्ग द्वारा भूमध्य सागर के पार क्रेते द्वीप पर गए -  रास्ते में वे जिब्राल्टर जलडमरूमध्य से होते हुए पुर्तगाल में [[Special:MyLanguage/Fatima|फ़ातिमा]], दक्षिणी फ्रांस में [[Special:MyLanguage/Lourdes|लूर्डेस]], ब्रिटिश द्वीप में [[Special:MyLanguage/Glastonbury|ग्लैस्टनबरी]] और आयरलैंड में रुके। इन सभी स्थानों पर मेरी और उनके साथियों ने लोगों का ध्यान पाँचवीं किरण की ओर केंद्रित किया और भविष्य में आत्मिक चेतना के विस्तारण का काम करने वालों के लिए नींव तैयार करी।


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मेरी की इन सभी यात्राओं ने ग्रीस में [[Special:MyLanguage/apostle Paul|धर्मगुरु पॉल]] के काम और फ़ातिमा और लूर्डेस में उनके खुद के प्रकट होने की नींव रखी। अंतिम भोजन के समय जीसस द्वारा इस्तेमाल किया गया प्याला [[Special:MyLanguage/Holy Grail|होली ग्रेल]] ग्लास्टनबरी के एक कुएँ में दफना दिया गया था। यहाँ पर आत्मा की लौ भी लगाई गई थी जिसने बाद में [[Special:MyLanguage/King Arthur|राजा आर्थर]] को राउंड टेबल के शूरवीरों का गठन करने और होली ग्रेल की खोज के लिए प्रेरित किया।
These visits laid the foundation for the work of the [[apostle Paul]] in Greece and her own appearances at Fátima and Lourdes. The [[Holy Grail]], the cup used by Jesus at the last supper, was buried in a well at Glastonbury. Here was planted the flame of the Christ, which later inspired [[King Arthur]] to form the Knights of the Round Table and to engage in the quest for the Holy Grail.
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