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माँ धन्य हैं, ये अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए और समाज की बुराइयों के खिलाफ बोलने के लिए सदा तत्पर रहती हैं | माँ धन्य हैं, ये अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए और समाज की बुराइयों के खिलाफ बोलने के लिए सदा तत्पर रहती हैं | ||
सिनेमा के आविष्कार के बाद से मनुष्य स्क्रीन में ही घुसा हुआ है। इस भूमि पर अन्धकार छाया हुआ है, मेरे बेटे के नाम का सम्मान करने बहुत काम बचे हैं। राजनीतिज्ञ अपने लौकिक ताज की तलाश में व्यस्त हैं। [[Special:MyLanguage/elemental|सृष्टि देवो]] ने हाल ही में एक दूसरे के साथ मुलाक़ात की है, और वे विश्व के प्रलयात्मक विनाश का प्रारम्भ करने वाले हैं। और यह विनाश तब तक चलता रहेगा जब तक कि स्वार्थी मनुष्यों का ह्रदय ईश्वर की ओर नहीं झुक जाता - ये स्वार्थी लोग मानवजाति की आवश्यकताओं को समझ नहीं पा रहें हैं।<ref>{{MMN}}, पृष्ठ २५८, २६०.</ref> | |||
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