9,998
edits
JaspalSoni (talk | contribs) No edit summary |
JaspalSoni (talk | contribs) No edit summary |
||
| Line 36: | Line 36: | ||
== स्वच्छन्द इच्छा और कर्म == | == स्वच्छन्द इच्छा और कर्म == | ||
चाहे मनुष्य हो या ईश्वर, स्वच्छन्द इच्छा के बिना कोई कर्म नहीं हो सकता। इसका अर्थ यह हुआ कि स्वच्छन्द इच्छा [[Special:MyLanguage/Holy Spirit|पवित्र आत्मा]] की एक संस्था है जो उस किरण के कारण को अभिव्यक्त करती है। स्वच्छन्द इच्छा एकीकरण के नियम का मूल बिंदु है। केवल ईश्वर और मनुष्य ही कर्म बनाते हैं क्योंकि केवल ईश्वर और मनुष्य में ईश्वर के पास ही स्वच्छन्द इच्छा है। अन्य सभी प्राणी - [[Special:MyLanguage/elementals|सृष्टि देव]], [[Special:MyLanguage/Deva|देवी देवता ]] और [[Special:MyLanguage/Angel|देवदूत]] - भगवान और मनुष्य की इच्छा को पूरा करने के साधन हैं। और इसी | चाहे मनुष्य हो या ईश्वर, स्वच्छन्द इच्छा के बिना कोई कर्म नहीं हो सकता। इसका अर्थ यह हुआ कि स्वच्छन्द इच्छा [[Special:MyLanguage/Holy Spirit|पवित्र आत्मा]] की एक संस्था है जो उस किरण के कारण को अभिव्यक्त करती है। स्वच्छन्द इच्छा एकीकरण के नियम का मूल बिंदु है। केवल ईश्वर और मनुष्य ही कर्म बनाते हैं क्योंकि केवल ईश्वर और मनुष्य में ईश्वर के पास ही स्वच्छन्द इच्छा है। अन्य सभी प्राणी - [[Special:MyLanguage/elementals|सृष्टि देव]], [[Special:MyLanguage/Deva|देवी देवता ]] और [[Special:MyLanguage/Angel|देवदूत]] - भगवान और मनुष्य की इच्छा को पूरा करने के साधन हैं। और इसी कारण से वे ईश्वर और मनुष्य के कर्म के उपकरण हैं। | ||
देवदूतों की स्वतंत्र इच्छा ईश्वर की स्वतंत्र इच्छा है। ईश्वर की इच्छा को पूरा करने के लिए देवदूतों की आवश्यकता होती है। देवदूतों के पास मनुष्य की तरह ईश्वर की ऊर्जा का उपयोग करने की स्वतंत्रता नहीं है। परन्तु देवदूतों के पास अपनी गलतियां सुधारने का अधिकार अवश्य है - अपनी गलतियां सुधार कर वे स्वयं को ईश्वर की इच्छा और ऊर्जा के साथ पुनः जोड़ सकते हैं। | देवदूतों की स्वतंत्र इच्छा ईश्वर की स्वतंत्र इच्छा है। ईश्वर की इच्छा को पूरा करने के लिए देवदूतों की आवश्यकता होती है। देवदूतों के पास मनुष्य की तरह ईश्वर की ऊर्जा का उपयोग करने की स्वतंत्रता नहीं है। परन्तु देवदूतों के पास अपनी गलतियां सुधारने का अधिकार अवश्य है - अपनी गलतियां सुधार कर वे स्वयं को ईश्वर की इच्छा और ऊर्जा के साथ पुनः जोड़ सकते हैं। | ||
edits