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यदि ज्योतिष शास्त्र का अच्छे से अध्ययन किया जाए तो हमें पता चलेगा की यह विद्या कर्म की पुनरावृति के बारे में एकदम सही भविष्यवाणी करती है। ज्योतिष द्वारा उस समय और तरीके का चार्ट बनाना संभव है जिसमें व्यक्तियों, संस्थानों, राष्ट्रों और ग्रहों को उनके कर्म और उससे सम्बंधित दीक्षा प्राप्त होती है - कब कौन सी कठिनाई से सामना होनेवाला है और कब कौन सी शिक्षा हमें मिलने वाली है - इन सब बातों का पता चल सकता है। राशि चक्र का प्रत्येक चिन्ह और प्रत्येक ग्रह हमारे जीवन में गुरु की भूमिका निभा सकता है। | यदि ज्योतिष शास्त्र का अच्छे से अध्ययन किया जाए तो हमें पता चलेगा की यह विद्या कर्म की पुनरावृति के बारे में एकदम सही भविष्यवाणी करती है। ज्योतिष द्वारा उस समय और तरीके का चार्ट बनाना संभव है जिसमें व्यक्तियों, संस्थानों, राष्ट्रों और ग्रहों को उनके कर्म और उससे सम्बंधित दीक्षा प्राप्त होती है - कब कौन सी कठिनाई से सामना होनेवाला है और कब कौन सी शिक्षा हमें मिलने वाली है - इन सब बातों का पता चल सकता है। राशि चक्र का प्रत्येक चिन्ह और प्रत्येक ग्रह हमारे जीवन में गुरु की भूमिका निभा सकता है। | ||
अपना जीवन चक्र (अपने पूर्व कर्मों द्वारा) मनुष्य स्वयं लिखता है। मनुष्य के कर्म उसका भाग्य बनाते हैं, और यही सब ज्योतिषी हमें जन्म कुंडली पढ़ कर बताते हैं। व्यक्ति के पूर्व जन्मों के कर्मों के अनुसार कर्म के स्वामी उसके वर्तमान जीवन का क्रम लिखते हैं। इसी के अनुसार व्यक्ति के जीवन में परीक्षा की विभिन्न घड़ियाँ भी आती हैं। किसी भी इंसान का व्यक्तित्व और मनोवृति जन्म-जन्मांतर के उसके कर्मों पर आधारित होती है, और इसी के अनुसार वह अपने जीवन में आनेवाली परीक्षाओं का सामना करता है। | अपना जीवन चक्र (अपने पूर्व कर्मों द्वारा) मनुष्य स्वयं लिखता है। मनुष्य के कर्म उसका भाग्य बनाते हैं, और यही सब ज्योतिषी हमें जन्म कुंडली पढ़ कर बताते हैं। व्यक्ति के पूर्व जन्मों के कर्मों के अनुसार कर्म के स्वामी उसके वर्तमान जीवन का क्रम लिखते हैं। इसी के अनुसार व्यक्ति के जीवन में परीक्षा की विभिन्न घड़ियाँ भी आती हैं। किसी भी इंसान का व्यक्तित्व और मनोवृति (psychology) जन्म-जन्मांतर के उसके कर्मों पर आधारित होती है, और इसी के अनुसार वह अपने जीवन में आनेवाली परीक्षाओं का सामना करता है। | ||
अक्सर हम अपनी कुंडली में लिखी किसी विपरीत परिस्थिति को बुरा कहते हैं - यह भाव हमारी कर्म सम्बन्धी कमज़ोरी को दर्शाता है। जन्म कुंडली हमें बताती है कि विपरीत परिस्थितियां हमारे जीवन में कितना समय तक रहेंगी। | अक्सर हम अपनी कुंडली में लिखी किसी विपरीत परिस्थिति को बुरा कहते हैं - यह भाव हमारी कर्म सम्बन्धी कमज़ोरी को दर्शाता है। जन्म कुंडली हमें बताती है कि विपरीत परिस्थितियां हमारे जीवन में कितना समय तक रहेंगी। | ||
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