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Keeper of the Scrolls/hi: Difference between revisions

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कर्मों को सूचीपत्र में संग्रहित करना  एक महत्वपूर्ण कार्य है। सौभाग्य से इस उत्तरदायित्व को निभाने के लिए ईश्वरीय-रुपी पिता ने मुझे अनेक सक्षम [लेखा-जोखा रखने वाले देवदूत] (recording angels) दिए हैं। आपके जीवन में घटित होने वाली प्रत्येक घटना, विभिन्न जन्मों में आपके पास आने वाली ऊर्जा हर एक कण इन अभिलेखों में दर्ज़ है। यह मनुष्यों का सौभाग्य है कि ब्रह्मांडीय नियमों के अनुसार ईश्वर ने मानवजाति को वायलेट लौ की भेंट दी है जिसका उपयोग करके वे  अपने नकरात्मक कर्मों को सूचीपत्र से मिटा सकते हैं। यह उपहार ईश्वर ने [[Special:MyLanguage/Saint Germain|संत जरमेन]] के कहने पर दिया है।
कर्मों को सूचीपत्र में संग्रहित करना  एक महत्वपूर्ण कार्य है। सौभाग्य से इस उत्तरदायित्व को निभाने के लिए ईश्वरीय-रुपी पिता ने मुझे अनेक सक्षम [लेखा-जोखा रखने वाले देवदूत] (recording angels) दिए हैं। आपके जीवन में घटित होने वाली प्रत्येक घटना, विभिन्न जन्मों में आपके पास आने वाली ऊर्जा हर एक कण इन अभिलेखों में दर्ज़ है। यह मनुष्यों का सौभाग्य है कि ब्रह्मांडीय नियमों के अनुसार ईश्वर ने मानवजाति को वायलेट लौ की भेंट दी है जिसका उपयोग करके वे  अपने नकरात्मक कर्मों को सूचीपत्र से मिटा सकते हैं। यह उपहार ईश्वर ने [[Special:MyLanguage/Saint Germain|संत जरमेन]] के कहने पर दिया है।


जब जब वायलेट लौ से कर्म का निष्कासन (removal) और [[Special:MyLanguage/transmutation|रूपांतरण]] होता है तो इसका एक अस्थायी अभिलेख बनाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति निरंतर ही ईश्वर के नियमों  के विरुद्ध जाकर बार-बार दुष्कर्म करते हैं तो उनके कार्यों को [[Special:MyLanguage/Lords of Karma|कर्मों के स्वामी]] के सम्मुख लाया जाता है। इसके बाद ईश्वरीय नियमों की एक विशिष्ट गतिविधि को उस जीवनधारा पर लागू किया जाता है ताकि उसके सभी कर्म संतुलित करे जा सकें। यह करना आवश्यक भी क्योंकि जब मनुष्य अपने दुष्कर्मों का सामना करता है तो वह ये समझ पाता है कि उसे दुराचार नहीं करना चाहिए और वह सत्य  के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होता है। तो हम यह कह सकते हैं के मनुष्यों को उसके दुष्कर्मों के सामना करवाना ईश्वर के इंसान के प्रति स्नेह है।<ref>सूचीपत्र का प्रहरी, २२ अप्रैल १९६२</ref>
जब जब वायलेट लौ से कर्म का निष्कासन (removal) और [[Special:MyLanguage/transmutation|रूपांतरण]] होता है तो इसका एक अस्थायी अभिलेख बनाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति निरंतर ही ईश्वर के नियमों  के विरुद्ध जाकर बार-बार दुष्कर्म करते हैं तो उनके कार्यों को [[Special:MyLanguage/Lords of Karma|कर्मों के स्वामी]] के सम्मुख लाया जाता है। इसके बाद ईश्वरीय नियमों की एक विशिष्ट गतिविधि को उस जीवनधारा पर लागू किया जाता है ताकि उसके सभी कर्म संतुलित करे जा सकें। यह करना आवश्यक भी है क्योंकि जब मनुष्य अपने दुष्कर्मों का सामना करता है तो वह ये समझ पाता है कि उसे दुराचार नहीं करना चाहिए और वह सत्य  के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होता है। तो हम यह कह सकते हैं के मनुष्यों को उसके दुष्कर्मों के सामना करवाना ईश्वर के इंसान के प्रति स्नेह है।<ref>सूचीपत्र का प्रहरी, २२ अप्रैल १९६२</ref>
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