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पाइथागोरस बहुत “परिश्रमी पुरुष” थे। वे नब्बे वर्ष के थे जब साईलोन (जिनका दाख़िला रहस्यवादी विद्यालय ने अस्वीकार किया था) ने लोगों को हिंसक अत्याचार को उकसाया। क्रोटोना के प्रांगण में खड़े होकर पढ़ा साईलोन ने पाइथागोरस की एक गुप्त पुस्तक, ''हिरोस लोगो'' (पवित्र शब्द), को जोर से पढ़ा, और उनकी लिखी बातों का मज़ाक उड़ाया। जब पाइथागोरस और काउंसिल के चालीस मुख्य सदस्य वहाँ एकत्रित हुए तो साईलोन ने उस इमारत में आग लगा दी। इस आग में दो को छोड़कर सभी सदस्य मारे गए। परिणामस्वरूप पूरा पायथागॉरियन समुदाय तथा उनकी अधिकांश मूल शिक्षाएँ नष्ट हो गईं। फिर भी, "मास्टर" (पाइथागोरस) ने कई दार्शनिकों जैसे प्लेटो (Plato), एरिस्टोटल (Aristotle), ऑगस्टीन (Augustine), थॉमस एक्विनास (Thomas Aquinas) और [[Special:MyLanguage/Francis Bacon|फ्रांसिस बेकन]] (Francis Bacon) को प्रभावित किया है। | पाइथागोरस बहुत “परिश्रमी पुरुष” थे। वे नब्बे वर्ष के थे जब साईलोन (Cylon) (जिनका दाख़िला रहस्यवादी विद्यालय ने अस्वीकार किया था) ने लोगों को हिंसक अत्याचार को उकसाया। क्रोटोना के प्रांगण में खड़े होकर पढ़ा साईलोन ने पाइथागोरस की एक गुप्त पुस्तक, ''हिरोस लोगो'' (Hieros Logos) (पवित्र शब्द), को जोर से पढ़ा, और उनकी लिखी बातों का मज़ाक उड़ाया। जब पाइथागोरस और काउंसिल के चालीस मुख्य सदस्य वहाँ एकत्रित हुए तो साईलोन ने उस इमारत में आग लगा दी। इस आग में दो को छोड़कर सभी सदस्य मारे गए। परिणामस्वरूप पूरा पायथागॉरियन समुदाय तथा उनकी अधिकांश मूल शिक्षाएँ नष्ट हो गईं। फिर भी, "मास्टर" (पाइथागोरस) ने कई दार्शनिकों जैसे प्लेटो (Plato), एरिस्टोटल (Aristotle), ऑगस्टीन (Augustine), थॉमस एक्विनास (Thomas Aquinas) और [[Special:MyLanguage/Francis Bacon|फ्रांसिस बेकन]] (Francis Bacon) को प्रभावित किया है। | ||
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