Translations:Kuthumi/26/hi
पृथ्वी पर अपने अंतिम जन्म में, कुथुमी एक कश्मीरी ब्राह्मण थे - कूट हूमी लाल सिंह (जिन्हें कूट हूमी और के.एच. के नाम से भी जाना जाता है) के रूप में सम्मानित किया गया। कूट हूमी ने एक अत्यंत एकांत जीवन व्यतीत किया, लेकिन उनके शब्दों और कार्यों का एक खंडित रिकॉर्ड ही उपलब्ध है। कुछ खंडित अभिलेखों के अलावा उनके जीवन और कार्यों का लेखा जोखा मौजूद नहीं है। उन्नीसवीं सदी की शुरुआत में जन्मे, महात्मा कुथुमी एक पंजाबी थे जिनका परिवार कश्मीर में बस गया था। उन्होंने 1850 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxford University) में अध्ययन किया और माना जाता है कि उन्होंने भारत लौटने से पहले 1854 के आसपास "द डबलिन यूनिवर्सिटी मैगज़ीन" में "द ड्रीम ऑफ़ रावण"(“The Dream of Ravan” to The Dublin University Magazine) (रामायण के रावण पर आधारित आध्यात्मिक निबंध) का योगदान दिया था।