Cosmic law/hi: Difference between revisions
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और इसलिए हम एक ऐसे युग में आते हैं जो उस युग से भिन्न नहीं है जिसमें मैंने अपने ईश्वर के मंदिर में उसके नियमों के अनुसार सेवा द्वारा और लोगों के बाहरी मंदिर में उन नियमों के अभ्यासकर्ता के रूप में, न्याय, सत्य की रक्षा की। आज हम सभ्यता का एक नया रूप देखते हैं जिसमें जंगली पौधे (tares) गेहूँ की फसल से भरे खेत में पूरी तरह से विकसित हैं। आप किसी भी वस्तु की कल्पना करते हैं, वह आपको इस सभ्यता में मिल जायेगी - चाहे वह ईश्वर से सम्बंधित हो या दानव से। | और इसलिए हम एक ऐसे युग में आते हैं जो उस युग से भिन्न नहीं है जिसमें मैंने अपने ईश्वर के मंदिर में उसके नियमों के अनुसार सेवा द्वारा और लोगों के बाहरी मंदिर में उन नियमों के अभ्यासकर्ता के रूप में, न्याय, सत्य की रक्षा की। आज हम सभ्यता का एक नया रूप देखते हैं जिसमें जंगली पौधे (tares) गेहूँ की फसल से भरे खेत में पूरी तरह से विकसित हैं। आप किसी भी वस्तु की कल्पना करते हैं, वह आपको इस सभ्यता में मिल जायेगी - चाहे वह ईश्वर से सम्बंधित हो या दानव से। | ||
हम देख रहे हैं कि पथभ्रष्ट | हम देख रहे हैं कि पथभ्रष्ट धर्म के रक्षकों ने ईश्वर के बच्चों से उनके सच्चे प्रकाश का अंश लेने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया है। इन लोगों ने ईश्वर के नियमों को स्वयं बनाये हुए नियमों से बदल दिया है - ये मानव-निर्मित नियम ब्रह्मांडीय न्याय के आड़े आते हैं। हम देखते हैं कि ये नियम और अदालतों इनका स्पष्टीकरणअक्सर शारीरिक रक्षा के लिए होते हैं, जीवात्मा की रक्षा से इनका को सम्बन्ध नहीं। | ||
मैं आज एक मां के रूप में आपके सामने इसलिए आई हूं ताकि आपको भी मां बनने के लिए प्रेरित कर पाऊं और आपको उन चीजों के बारे आगाह कर सकूं जो हर युग के अंत में घटित होती हैं। ये जानकारी हमें भगवान के पुत्र देते हैं, और हर ग्रह पर ऐसा होता है। हर युग के अंत में पथभ्रष्ट लोग कानून अपने हाथ में ले लेते हैं और ऐसे नए कानून बनाते हैं जो न सिर्फ जीवात्मा के लिए विनाशकारी होते हैं परन्तु सौर विकास के पथ पर उसके उत्थान में भी बाधक होते हैं। | मैं आज एक मां के रूप में आपके सामने इसलिए आई हूं ताकि आपको भी मां बनने के लिए प्रेरित कर पाऊं और आपको उन चीजों के बारे आगाह कर सकूं जो हर युग के अंत में घटित होती हैं। ये जानकारी हमें भगवान के पुत्र देते हैं, और हर ग्रह पर ऐसा होता है। हर युग के अंत में पथभ्रष्ट लोग कानून अपने हाथ में ले लेते हैं और ऐसे नए कानून बनाते हैं जो न सिर्फ जीवात्मा के लिए विनाशकारी होते हैं परन्तु सौर विकास के पथ पर उसके उत्थान में भी बाधक होते हैं। | ||
Revision as of 10:12, 20 March 2024


ब्रह्मांड (cosmos) में आत्मा (Spirit) और पदार्थ (Matter) के स्तर पर सभी अभिव्यक्तियों को नियंत्रित करने वाला नियम जो गणितीय रूप से कार्य करता है और जिसमें दया स्वाभाविक रूप से निहित है।
ईश्वर के नियम और मनुष्य के नियम
महिला दिव्यगुरु नाडा (Nada) ईश्वर के नियमों के बारे में हमें बताती हैं कि प्रायः मनुष्य अपने नियमों द्वारा इसे किस प्रकार से विकृत किया जाता है:
कई हजार साल पहले जब मैं पृथ्वी पर अवतरित हुई थी, मैंने ईश्वर के बच्चों की तरफ से अटलांटिस (Atlantis) की अदालतों के समक्ष एक वकील के रूप में कानून का अभ्यास किया था और मंदिर में सेवा करने एवं ईश्वर के नियमों पर चिंतन-मनन करने के बाद मैंने यह जाना कि ईश्वर के नियम एक सुरक्षा कवच हैं जो प्रत्येकं माँ को अपने बच्चों को इस दुनिया की बुराई तथा पथभ्रष्ट व्यक्तियों (fallen ones) से बचाने के लिए प्रयोग करने चाहिए। पथभ्रष्ट लोग ईश्वर के नियमों का प्रयोग अपने अनुचित उद्देश्यों को पूरा करने के लिए करते हैं।
और इसलिए हम एक ऐसे युग में आते हैं जो उस युग से भिन्न नहीं है जिसमें मैंने अपने ईश्वर के मंदिर में उसके नियमों के अनुसार सेवा द्वारा और लोगों के बाहरी मंदिर में उन नियमों के अभ्यासकर्ता के रूप में, न्याय, सत्य की रक्षा की। आज हम सभ्यता का एक नया रूप देखते हैं जिसमें जंगली पौधे (tares) गेहूँ की फसल से भरे खेत में पूरी तरह से विकसित हैं। आप किसी भी वस्तु की कल्पना करते हैं, वह आपको इस सभ्यता में मिल जायेगी - चाहे वह ईश्वर से सम्बंधित हो या दानव से।
हम देख रहे हैं कि पथभ्रष्ट धर्म के रक्षकों ने ईश्वर के बच्चों से उनके सच्चे प्रकाश का अंश लेने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया है। इन लोगों ने ईश्वर के नियमों को स्वयं बनाये हुए नियमों से बदल दिया है - ये मानव-निर्मित नियम ब्रह्मांडीय न्याय के आड़े आते हैं। हम देखते हैं कि ये नियम और अदालतों इनका स्पष्टीकरणअक्सर शारीरिक रक्षा के लिए होते हैं, जीवात्मा की रक्षा से इनका को सम्बन्ध नहीं।
मैं आज एक मां के रूप में आपके सामने इसलिए आई हूं ताकि आपको भी मां बनने के लिए प्रेरित कर पाऊं और आपको उन चीजों के बारे आगाह कर सकूं जो हर युग के अंत में घटित होती हैं। ये जानकारी हमें भगवान के पुत्र देते हैं, और हर ग्रह पर ऐसा होता है। हर युग के अंत में पथभ्रष्ट लोग कानून अपने हाथ में ले लेते हैं और ऐसे नए कानून बनाते हैं जो न सिर्फ जीवात्मा के लिए विनाशकारी होते हैं परन्तु सौर विकास के पथ पर उसके उत्थान में भी बाधक होते हैं।
तो जब आप प्रकाश, स्वतंत्रता और ईश्वर की संतानों के दैवीय नियमों तक पहुंच के लिए प्रार्थना करते हैं, तो कभी-कभी ये सफल नहीं होती क्योंकि मानव-निर्मित कानून इसमें बाधा प्रकट करते हैं। और ये प्रार्थनाएं उन भवनों की दीवारों से टकराकर प्रार्थना करने वालों के पास वापिस चली जाती हैं जिन्हें मनुष्यों ने आत्मा की रक्षा के लिए नहीं बल्कि दुष्ट लोगों और उनके बच्चों की रक्षा के लिए बनाया है...
इसलिए मैं आपको सलाह देता हूं कि आप कानून और विधायिका पर एक समिति बनाएं ताकि यह देखा जा सके कि संयुक्त राज्य अमेरिका की कांग्रेस और राज्य विधानमंडलों के साथ साथ अन्य देशों में कौन से कानून लागू किए जा रहे हैं।
क्योंकि जब ये कानून लागू किये जाते हैं तो वे एक डिक्री बन जाते हैं, एक मानव-निर्मित डिक्री। एक रोबोट डिक्री की तरह ये कानून एक ऐसे कार्य को शक्ति देते हैं जो आत्मिक चेतना और भगवान के शब्द की अभिव्यक्ति का विरोधी है। ऐसा तब तक होता है जब तक कि उन्हें चुनौती नहीं दी जाती है, जब तक कि अदालतों और लोगों द्वारा उनके खिलाफ आपत्ति नहीं दर्ज़ की जाती। जब कानून निर्माता और कानून समीक्षाकार आत्मा के साथ एकरूप नहीं होते तो उनको चुनौती देने के लिए लोगों को परमेश्वर के शब्द और उनकी पवित्रता का एक आदेश बनाना होता है।
यहाँ हम एक बात स्पष्ट करना चाहते हैं: कोई भी कानून जो ईश्वर के कानून के अनुरूप नहीं होता वह ज़्यादा दिन तक रह नहीं सकता। यह कानून चुनौती दिए जाने की प्रतीक्षा कर रहा होता है, और जब ईश्वर का कोई भी पुत्र या पुत्री जो अन्याय और मानव-निर्मित कानूनों की असंगति को समझता है और उस कानून को चुनौती देने की क्षमता रखता है, जो कर्म के स्वामी (Lords of Karma) के पास इस कानून को लेके जाता है और हमारा ध्यान इस अन्याय की ओर आकर्षित करता है, तो आत्मा और कर्म के स्वामी तुरंत इसके खिलाफ कदम उठाते हैं...
मैं आपसे कानून की बात कर रही हूँ, जो मनुष्य की मुक्ति का साधन हो सकता है और उसके विनाश का कारण भी। कानून ईश्वर की पवित्र ऊर्जा और शक्ति है, यह ईश्वर की सत्ता और इच्छाशक्ति है, यह वह ऊर्जा है जो सृष्टि के सरंचना के समय मूल आदेश के रूप में सामने आती है।[1] तो फिर, कानून का सम्मान किया जाना चाहिए। क्योंकि यह ऊर्जा और पवित्र अग्नि ही ईश्वर है।
यदि आप ईश्वर के कानून को नहीं जानते तो आप ईश्वर के बच्चों के लिए पवित्र आत्मा (Holy Spirit) के अनुग्रह और उपहारों की वकालत कैसे कर सकते हैं? इसलिए कानून को जानो और उसका अध्ययन करो - ईश्वर के कानून और मनुष्य के कानून में अंतर करना सीखो, देखो कि लागू किए गए कौन से कानून सत्य के अनुरूप हैं और कौन से जीवन के मूल अस्तित्व के सत्य से परे हैं। मानव जाति को दीक्षा के मार्ग पर चलाने वाले कानूनों को अधिनियमित किया जाना चाहिए, और दीक्षा के मार्ग से भटकाने वाले कानूनों को चुनौती दी जानी चाहिए।<ref>नाडा, "द लॉ ऑफ द वन (The Law of the One)," Pearls of Wisdom, vol. ६४, no. १३, १ अप्रैल २०२१.
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.
- ↑ gen। १:३